Google Layoff: नौकरी देने वालों की ही Job पड़ी खतरे में, गूगल ने HR टीम के सैकड़ों लोगों को निकाला
अधिकतर टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स (Startup) अपने खर्चों में कटौती के लिए तेजी से छंटनी कर रहे हैं और नए लोगों को हायर करना बहुत कम कर दिया है. इसी बीच गूगल (Google Layoff) की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet Layoff) ने भी सैकड़ों लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
कोरोना काल खत्म होने के बाद अचानक से नौकरियों (Jobs) में बढ़ोतरी देखने को मिली. ऐसे में रिक्रूट करने वाले यानी हायरिंग (Hiring) करने वाले लोगों की तगड़ी डिमांड आना शुरू हो गई. उस दौरान बहुत सारे लोग अपनी नौकरी छोड़ कर तमाम कंपनियों में दूसरों को नौकरी पर रखने वाले यानी एचआर (HR) की टीम में शामिल हो गए. लेकिन आज हालात ऐसे हो गए हैं ये दूसरों को नौकरी पर रखने वालों की खुद की नौकरी खतरे में पड़ गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अधिकतर टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स (Startup) अपने खर्चों में कटौती के लिए तेजी से छंटनी कर रहे हैं और नए लोगों को हायर करना बहुत कम कर दिया है. इसी बीच न्यूज एजेंसी IANS ने खबर दी है कि बुधवार को गूगल (Google Layoff) की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet Layoff) ने भी अपनी 3000 लोगों से भी अधिक की मजबूत रिक्रूटमेंट टीम में से सैकड़ों लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
गूगल ने क्यों किया सैकड़ों लोगों का Layoff
कंपनी ने कहा है कि उसने अभी अपनी ओवरऑल हायरिंग को ही कम कर दिया है. इसी वजह से कंपनी ने अपनी रिक्रूटिंग टीम की संख्या को कम करने का सख्त फैसला लिया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी की तरफ से निकाले गए कर्चमारियों को हर संभव मदद मुहैया कराई जा रही है. बता दें कि इसी साल जनवरी में गूगल ने सबसे बड़ी छंटनी की थी, जिसके तहत करीब 12 हजार लोगों को नौकरी से निकाला गया था, जो उस वक्त कुल वर्कफोर्स का 6 फीसदी था. वहीं गूगल इंडिया ने मार्च के महीने में भी करीब 400 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था.
100% तक ली थी हाइक, अब नहीं मिल रही नौकरी
इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार जब टेक कंपनियों में तगड़ी हायरिंग हो रही थी तो स्टाफिंग/रिक्रूटमेंट/सर्च फर्म से हजारों रिक्रूटमेंट प्रोफेशनल्स ने 40-100 फीसदी तक सैलरी हाइक के साथ कॉरपोरेट टैलेंस को हायर करने के रोल पाए थे. अब ऐसे बहुत सारे प्रोफेशनल्स की नौकरी खतरे में आ चुकी है. ऐसे में अब ये लोग तेजी से वापस रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग फर्म का रुख कर रहे हैं. हालांकि, इससे पहले इन फर्म को जिन लोगों ने तगड़ी हाइक पाने के लिए छोड़ दिया था, अब वहां पर इनको नौकरी मिलने में दिक्कत हो रही है. वहीं देखा जाए तो पूरी इंडस्ट्री में ही छंटनी चल रही है और हायरिंग कम हो रही है, ऐसे में नौकरी मिलने में दिक्कतें बहुत ज्यादा हो रही हैं.
6 महीनों में 70 स्टार्टअप्स में 17 हजार Layoff
TRENDING NOW
कमजोर बाजार में खरीद लें जीरो डेट कंपनी वाला स्टॉक! करेक्शन के बाद बन सकता है पैसा, छुएगा ₹930 का लेवल
गिरते बाजार में कमाई कराएंगे ये शेयर! इंट्राडे से लेकर एक साल के नजरिए तक...एक्सपर्ट ने चुने ये स्टॉक्स
एक रिक्रूटमेंट और स्टाफिंग फर्म CIEL HR की रिपोर्ट के अनुसार इन 17 हजार लोगों को 2023 की पहली छमाही में ही निकाल दिया गया है. ये छंटनी भी करीब 70 स्टार्टअप्स ने की है. यानी एक बात तो साफ होती है कि स्टार्टअप्स के लिए अभी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. यही वजह है कि आए दिन स्टार्टअप्स से कर्मचारी निकाले जा रहे हैं. फिनटेक, एडटेक, लॉजिस्टिक्स टेक, हेल्थ टेक जैसे सेक्टर के स्टार्टअप्स में सबसे ज्यादा छंटनी हुई है. ग्रॉसरी, बेबी केयर और पर्सनल केयर जैसे सेगमेंट में डील करने वाली ई-कॉमर्स स्टार्टअप्स ने भी तेजी से लोगों को बाहर निकाला है. Meesho, Unacademy, Swiggy और ShareChat जैसे यूनिकॉर्न ने भी लोगों को नौकरी से निकाला है.
11:24 AM IST